BOOKS/किताबें

किताबें जबरदस्ती लिखी गई कोई कहानी नहीं होती। इन्हें संवारना पड़ता है जज्बातों से। कोई भी Genre क्यों न हो, जब तक दिल शामिल नहीं होता तब तक शब्दों की महफिल नहीं जमती।

मेरी हर एक किताब फिर चाहे वो डिजिटल फॉरमेट में हो या पेपरबैक, एक साधना की तरह है। महीनों-वर्षों तक सोचने-समझने, महसूस करने के बाद अंतिम रूप में आप सभी के समक्ष पंहुची हैं।

तो आइये, पढ़िए मेरी किताबें और महसूस करिये उन जज्बातों को जो मैंने शब्दों के मोतियों में पिरोये हैं सिर्फ आपके लिए।